A Gold Medalist become a street walker
हमारे देश में कितने ऐसे लोग है जो कई सारे हुनर होने के बाद भी मजबूर होते है| कई हुनर्बाज तो बड़े बड़े धुरंधर होने के भी हार मानने को मजबूर हो जाते है| इसके पीछे क राजयह है की पैसा और गरीबी इ सामने इन लोगो क हुनर भी नहीं टिक पाता है|
ऐसा ही कुछ हमारे देश के एक खिलाडी के साथ ही हुआ | जो अपना घर चलने के लिए सडको पर काम करने के लिए मजबूर हो गया है | एक हुनार बज खिलाडी ने ओलमपिक्स में गोल्ड मैडल हांसिल किया था | लेकिन आज वो सडक पर गलियों की खाक छान रहा है|
यह बात है हमारे देश बेहतरीन खिलाडी राजकुमार तिवारी की जो कभी हमरे देश की शान हुवा करता था | और आज सरकार को उसकी काबेलियत की कोई परवाह ही नहीं. इसकी वजह वो इन्सान आज सडको पर इमीटेशन वाले गहने बेचकर अपना पेट भरता है|
इस खिलाडी ने २०१३ में साउथ कोरिया में हुए स्पेशल ओलंपिक्स में आइस स्केटिंग में गोल्ड मैडल हासिल किया था और भारत क नाम रोशन किया था | आज वो राजकुमार तिवारी दिल्ली में सदर बाज़ार में स्ट्रीट वॉकर है |
देश की इस निखरती प्रतिभा को गरीबी ने दिया है | कई एइसे लोग है जो गरीबी के कारन उसका हुनर नहीं दीखा पाते | आज भी उसका हुनर बुलंद है और वो अपने सपने को सजाने लिए वह सड़क पर निकल पड़ते है. और उसका ओर अपने परिवार पेट भरते है |
राजकुमार तिवारी बहुत गरीब परिवार से है | उसके पिता दिन के ३०० रुपैये कमाते है और उससे उसका घर चलाते है | उसने इन ओलम्पिक्स में जितने के लिए जी जान एक कर दी ओर किसी भी तरह जित हाशिल की | पहले उसने हाथो से आइस स्केटिंग की प्रैक्टिस की और उसके बाद पैरो सिखा |
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